Thursday, February 12, 2009

Good bye Mr. Aiyer...

इस नए साल में मैं एक मूवी देख रहा था Mr And Mrs Aiyer...
जिसके बारे में काफ़ी कुछ सुना भी था .....तो रात ११:०० से २:०० बजे तक Mr And Mrs Aiyer' देखता रहा...यानी २००९ की शुरुआत मैंने इस मूवी से की....फ़िल्म खत्म हुई इन आखिरी शब्दों के साथ " Good bye Mr. Aiyer...


क्योंकि मैं एक acting student हूँ ....इसलिए हमें सिखाया जाता है...की चीजों के विभिन् आयाम ढूंढने की कोशिश करो....साथ ही मैं ख़ुद ये मानता हूँ....सबसे अच्छा वर्णन वो होता है जब आप के पास शब्द ही न हों।

ऐसी परिस्थिति में से ही साहित्य का जन्म होता है जब , उसको शब्दों में बांधना असंभव हो .....।

ये आखिरी पंक्ति इतना कुछ कहती थी की , मुझे लगा शायद मेरे पास शब्द कम पड़ जाए....अलविदा कहने का उससे खूबसूरत लम्हा शायद ही कभी जीया था मैंने.....मैं अपने टीवी स्क्रीन के अन्दर पहुँच जाना चाहता था उस वक्त ....उस लम्हे को और करीब से देखना और जीना चाहता था मैं....उसी वक्त रात को २:३० बजे ये पंक्तिना मेरी कलम से निकली , जो साल की पहली पंक्तियन या पहली क्रिया भी थी.....आज वोही पंक्तियाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ.....





क्या कहें और क्या कह सकते हैं,
१ धागा जो रेशम से बना है;
जो लिपटा है चारों तरफ़ ,
न वो धागा टूट ही सकता है,
और बेचारी सूई के पेट में तो छेद ही नहीं...
साँसे चलती हैं रुकने के लिए......
और रूकती हैं एक अंतराल के लिए;
वो अंतराल , जो बस खत्म हुआ ही समझो,
पर क्या कहें.......
वो अंतराल में जीना चाहते हैं ।


एक रिश्ता , जिसका कोई नाम नहीं ,
मानो शब्दकोष के शब्द कंगाल हैं,
और वो रिश्ता जो पावन भी तो नही,
या पावन की परिभाषा गूढ़ है ;
आँखें दोनों की थमी सी...
साँसे , थोडी चली कभी , कभी रुकी सी;
दोनों एकसूत्र में बंधे से....
पर...पर ये क्षणिक भ्रम है ।
भ्रम जो खत्म हुआ ही समझो।
पर क्या कहें.....
वो भ्रम को ही जीना चाहते हैं।


मैं इस पार हूँ , मेरी संवेदना उस पार,
ये क्षण अपूर्ण हैं ,मानवीय कृति का आधार;
ये विडम्बना है एक, या खूबसूरत लम्हा,
जिसमे मैं जिया हूँ,और वो ख़ुद में साकार;
होंठ हिले, शब्द निकले, मैं निशब्द,
ये क्या....वो यादें भी वापस दे गया...?
यानि..यानि..., जीने का सहारा यादें नही होती।
और वो यादों में नही जीना चाहते हैं
और आखिरी शब्द आते हैं.......
"Good bye Mr. Aiyer....."


अनुपम S.
(Anupamism Rocks)
9757423751
anupamism@gmail.com

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