ये जो नीली जीन की नेकर में बच्चा है अक्षय, ये दाएं में धारी नेकर वाले हृतिक का भाई है। दोनों मेरे घर के पीछे नजूल कॉलोनी है जगतपुरा, वहां अपनी मां के साथ रहते है। इनका बाप पिछले साल दारू के नशे में ट्रेन के नीचे आके कट के मर गया।
साथ वाला जिसके हाथ में छोटी बच्ची है, वसीम है। कुछ महीने पहले इनका बाप, इनकी मां और चार और भाई बहनों को छोड़ 16 साल की एक लड़की के साथ भाग गया।
मेरे घर से सटे पार्क में जगतपुरा के बच्चों के साथ मैं क्रिकेट या पिड्डू गर्म खेलता हूँ इसलिए हर छोटे बच्चे के बड़े संघर्षो की कहानी पता चलती है।
वसीम बारिश में भीगते हुए जा रहा था जब अक्षय ने पीछे से आवाज़ देके उसे छतरी में आने का न्योता दे दिया। सच ही है, जिसके पास कुछ नहीं होता वो औरों के साथ सब कुछ बांटने में एक बार नही हिचकता। मैं घर की खिड़की से बरसती पानी की बूंदों की तस्वीर निकाल रहा था, जब इस क्षण ने मुझे मज़बूर कर दिया तस्वीर लेने के लिए।
टूटी छतरी की छावं ने न धर्म पूछा न बारिश की बूंदों ने बरसने से पहले अमीरों का पता।
सोचता हूँ इस तस्वीर का एक नाम रखूं!
मटमैली छतरी कैसा है?
Anupam S. Shlok
Anupamism
No comments:
Post a Comment