तुम मुझसे दूर हो सकते हो , मेरी यादों से नहीं।
क्योंकि जब जब मेरी साँसे चलेंगी,
तब तब तुम्हे याद करूँगा।
जब जब मेरी आँखें कुछ देखेंगी,
तब तब तुम्हे याद करूँगा।
जब जब सागर में पानी बहेगा ,
तब तब तुम्हे याद करूँगा।
जब जब ये धरती घूमेगी ,
तब तब तुम्हे याद करूँगा।
जब जब घड़ी कि सुई हिलेगी ,
तब तब तुम्हे याद करूँगा।
जब जब पेड़ो के पत्ते हिलेंगे,
तब तब तुम्हे याद करूँगा।
जब जब पक्षी चहचाहेंगे ,
तब तब तुम्हे याद करूँगा।
और हाँ जब जब तुम मुझे याद नहीं करोगी।,
तब तब मैं तुम्हे याद करूँगा।
अनुपम S "श्लोक "
anupamism@gmail.com
क्योंकि जब जब मेरी साँसे चलेंगी,
तब तब तुम्हे याद करूँगा।
जब जब मेरी आँखें कुछ देखेंगी,
तब तब तुम्हे याद करूँगा।
जब जब सागर में पानी बहेगा ,
तब तब तुम्हे याद करूँगा।
जब जब ये धरती घूमेगी ,
तब तब तुम्हे याद करूँगा।
जब जब घड़ी कि सुई हिलेगी ,
तब तब तुम्हे याद करूँगा।
जब जब पेड़ो के पत्ते हिलेंगे,
तब तब तुम्हे याद करूँगा।
जब जब पक्षी चहचाहेंगे ,
तब तब तुम्हे याद करूँगा।
और हाँ जब जब तुम मुझे याद नहीं करोगी।,
तब तब मैं तुम्हे याद करूँगा।
अनुपम S "श्लोक "
anupamism@gmail.com
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